कुछ नई चार पंक्तीयाँ
१. दिल मे गेहरा ज़ख्म आज बैठा है यू...
बस जाम-के-जाम खर्च किए जा रहे है !!
तुटे हुए सपने, घूल रहे है हर गिलास मे,
होठो पे रख प्याली, बस पिए जा रहे है..!!
२. इस दिल मे बसकर, कितने आए-गए क्या जाने,
संभलने-से पहले ही ये दिल तोड दिया जाता है..!!
यूही नही मूह मुडता उस मैखाने की तरफ़,
वहाँ हर शराबी अपनी दास्ताँ सुनाने फ़िर आता है..!!
३. इतना दर्द भरा है तेरे उस दामन का साथ..
पता होता तो हम अपनी रुह बचाके रखते..!!
तुझे भूलाने मे शराब इतनी पीनी पडेगी मुझको..
पता होता तो शराब खाना ही जमाके रखते..!!
४. तुझसे मिलते नही हम तो अच्छा होता सनम...
प्याले खर्च होते है, अब तुम्हे भूलाने के लिए!!
क्या करू के हर वक्त, गम होता भी तो नही...
अब बहाने ढूंढते है हम, महफ़िल जमाने के लिए!!
५. कुछ एसा सफ़र कटाँ, के याद बनके रेह गए..
आपका साथ यू रहा, के हम आबाद बनके रेह गए..
कुछ यादे यू बूनी, के खुशी के मैखाने मिले हमे,
ये पल यू छू गए, के जीने के बहाने मिले हमे!!!
- When my heart beats,
Chirag
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Tuesday, October 23, 2007
Saturday, August 4, 2007
कोई नही आएगा
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कोई नही आएगा
दु:खी होने यू धरती पर, अब कोई नही आएगा,
सदीयाँ बीत जाएगी, पर अब पैगंबर नही आएगा ॥
अमन को नज़रो मे उतारकर, जब निकलोगे चमन से,
न कोई घना जंगल, न आबाद घर नज़र आएगा ॥
इस दुनिया से निकलकर, तू जब 'कयामत' को मिलेगा,
न होगी तुझे कप-कपी, पर न आदर कोई आएगा ॥
वो हँसता-खेलता तेरा दिल, हो जाएगा जब पत्थर,
सरीता बहेगी घर-से, पर मिलने सागर नही आएगा ॥
दु:ख आए तो बस दो-चार तेरे आंगन है अब,
तूफ़ानो से बचाने तुझे कोई लल्कार नही आएगा ॥
दोस्तो! सब मिल बैठके उसे पीलो अभी भी,
जगत का ज़हर पिने, अब कोई शंकर नही आएगा ॥
यू तेज़-तरार गज़ल लिख मत ए 'लिखने-वाले',
दुनिया है यू खोई, कि असर न कोई आएगा ॥
कर दो माफ़ इस 'लिखने वाले' को दुनियावालो,
क्या करे की उसकी लाश उठाने, कोई इश्वर नही आएगा ॥
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कोई नही आएगा
दु:खी होने यू धरती पर, अब कोई नही आएगा,
सदीयाँ बीत जाएगी, पर अब पैगंबर नही आएगा ॥
अमन को नज़रो मे उतारकर, जब निकलोगे चमन से,
न कोई घना जंगल, न आबाद घर नज़र आएगा ॥
इस दुनिया से निकलकर, तू जब 'कयामत' को मिलेगा,
न होगी तुझे कप-कपी, पर न आदर कोई आएगा ॥
वो हँसता-खेलता तेरा दिल, हो जाएगा जब पत्थर,
सरीता बहेगी घर-से, पर मिलने सागर नही आएगा ॥
दु:ख आए तो बस दो-चार तेरे आंगन है अब,
तूफ़ानो से बचाने तुझे कोई लल्कार नही आएगा ॥
दोस्तो! सब मिल बैठके उसे पीलो अभी भी,
जगत का ज़हर पिने, अब कोई शंकर नही आएगा ॥
यू तेज़-तरार गज़ल लिख मत ए 'लिखने-वाले',
दुनिया है यू खोई, कि असर न कोई आएगा ॥
कर दो माफ़ इस 'लिखने वाले' को दुनियावालो,
क्या करे की उसकी लाश उठाने, कोई इश्वर नही आएगा ॥
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Friday, July 20, 2007
तेरे जाने के बाद
मेरी ज़िंदगी मे यू, खालीपन-सा क्यो है?
तेरे जाने के बाद, एसा जीवन ये क्यो है?
आरज़ू खिलती थी, हर सुबह तुझे मिलने की,
आज सुबह के किरनो मे, ये चूभन-सी क्यो है?
तेरे जाने के बाद, एसा जीवन ये क्यो है?
मेरे दिल के धडकन मे, तेरा नाम सूनाई देता था,
सोचता था के बावरे मन को, दिवानापन क्यो है?
तेरे जाने के बाद, एसा जीवन ये क्यो है?
उस झील के पानी मे, तेरा चेहरा रोज़ निहारना,
अब अकेले जाना मुश्किल है, ये जकडन-सी क्यो है?
तेरे जाने के बाद, एसा जीवन ये क्यो है?
तेरे साथ बिताए हरेक पल, फ़िर जिने की लालसा है,
पर आज साँसे मेरी अपनी, बनी दुश्मन-सी क्यो है?
तेरे जाने के बाद, एसा जीवन ये क्यो है?
तू जब दिखती तो लगता, के सावन मे बरसे मोती,
आज बिखरे मोती भी पत्झड, के यू दर्पन-से क्यो है?
तेरे जाने के बाद, एसा जीवन ये क्यो है?
तेरे विश्वास के सहारे, उस अलाह के दर सर झुकाया,
उसके कुच्छे मे जाकर अब, उससे अनबन ये क्यो है?
तेरे जाने के बाद, एसा जीवन ये क्यो है?
आज मौत भी गले लगाए, तो कोई गिला नही,
मुझे छोड तुझे ले गया, एसा अलाह का फ़न क्यो है?
मेरे दिल के तुकडे को तो छीन लिया तुने, ए खुदा,
बता फ़िर मेरी धडकन के बिना, मेरा जीवन ये क्यो है?
तेरे जाने के बाद, एसा जीवन ये क्यो है?
When my heart beats,
Chirag
Thursday, May 17, 2007
मेरे दिल की परछाई... मेरी शायरी
मेरे दिल की परछाई... मेरी शायरी
दिल-से निकले कुछ एसे वाकिए...
ढल गए अफ़्सानो के तारे बनकर..
खोए अरमानो के सेज़ पर बनी शायरी..
निकले वो मेरे दर्द के किलकारे बनकर..॥
ढल गए अफ़्सानो के तारे बनकर..
खोए अरमानो के सेज़ पर बनी शायरी..
निकले वो मेरे दर्द के किलकारे बनकर..॥
कुछ एसे ही शेर-ओ-शायरी के मेरे अपने नगमे...
पेश-ए-खिदमत है आपके लिए..
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Bewafaai Shayari.....
१. बहोत है एसे सफ़ेद-पोश दुनिया मे..
जो पड जाते है, 'रेशमी जुल्फ़ो' के जाल मे..
एसे किस्से मिल जाएंगे बहोत ज़माने मे...
जो सदियो की खुशीयाँ खो देते है मैखाने मे..॥
२. मिले नही तुम हमसफ़र, हो गए हम अकेले..
राहगुज़र थे तुम, अब कहाँ चले गए..??
मेरी कश्टी को तो दिखा था बस तुम्ही एक किनारा...
कहा गई तू... मेरे तिनके का सहारा...॥
३. तन्हाई मे यू न तडपा, तुमसे मिलने से पहले..
अब तन्हाई से डरता हूँ तुमसे मिलने के बाद..
रुसवाई सौ झेली, तुमसे मिलने से पहले...
बेवफ़ाई मे मर रहा हूँ तुमसे मिलने के बाद..॥
४. तुमसे क्या छूपाऊ ए दुनियावालो..!!
तुमसे कहा छुपा है मेरा कोई गम..
दिल के आँसू, शायरी मे बयाँ होते है...
कर नही पाता जो मे मेरी आँखे नम..॥
५. हमसे वास्ता न रखो तुम तो अच्छा..
हमे समझने के लिए कई पत्थर काँटने पडेंगे...
बहोत-से दर्द कैद कर रखे है इस सीने मे..
आपको रखू इसमे...तो उन्हे बाटने पडेंगे..॥
६. ज़ाहीर है दुनिया को, मेरे गम के तराने..
दिल का ज़ख्म मेरा.. बनता है ईक फ़साना..
शब्दो मे होते है बयान ये किस्से मेरे जब भी..
वाह-वाह तो करता है..पर हँस देता है ज़माना..॥
७. शराबी से न पुछो, मैखाने का रास्ता..
नशे मे कौन शराबी रास्ता दिखा सका है..
सबसे किमती जो दिल तुट गया हो जिसका..
मैखाना कौन-सा है इसमे उसको क्या रखा है...॥
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Funny Shayari.....
१. हमेशा तो होता है जाम मेरे लबो के साथ..
अकेलापन कहा महसूस होता है उस नशे के बाद..
बूनते है तुम्हारी याद मे ईक पल भी जब हम..
घोलके भूलाते है उसे सोडा या water के साथ..॥
२. खयालो की रोशनी मे, जब तुम नज़र आते हो..
खुदा कसम इस दिल मे एसा, तीर चलाते हो..
हर पल गिनती मे बिताते है, क्या खोया क्या कुछ पाया..
जब तुम मुझे अपने साथ 'shopping' को लाती हो...॥
३. हर पल, पर वक्त..तुझपे एक शायरी..
तुम्हे याद कर-करके लिखता हूँ...
क्या करू के 'घालीब' नमूनो पे न लिखता था..
कसर उसकी आज पूरी मे कर रहा हूँ...॥
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Dosti Shayari.....
१. रिश्तो की कैसी जाल बूनी है खुदा ने..
सोच रहे थे इस भवर मे, क्या खोया, क्या पाया..
जिस रिश्ते मे सिर्फ़ पाना लिखा था खुदा ने..
ऐसे दोस्त को सोचा..और तुम्हारा नाम याद आया..॥
२. बस आपकी दुआ है, के लिख लेते है अक्शर दो-चार..
कोई नही सही, एक आप तो हो समझदार..
बस आपकी दोस्ती का हमे था इन्तज़ार..
अब लगता है पूरी हुई, रिशतो की बहार...॥
३. आपके मुकाबले..हम तो है शायर छोटे-से...
आपकी जनाब, क्या बात की जाए..
इन्सान भले पहोच गया बादल के उस पार..
सुरज पे तो लंबी, झाँकी भी न रख पाए..॥
४. क्या कहानी है वो, जो अक्शरो मे ढल जाए..
कुछ अन्कही बाते..शब्दो मे केह जाए...
फ़साने तो बहोत सुन लेते है ज़िन्दगी मे...
बाते लिख दो ऐसी, जो इस दिल मे बस जाए...॥
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Thanks to my friends 'Sudz' and 'Ashu' who have kept my passion for shayari living...And also for bearing with the ones i share with them. :)
With Regards,
Chirag/Chiru/Chirkut/Chintal/Chiragya
Thursday, May 3, 2007
अभी आ नही सकता..
अभी आ नही सकता..
कुछ बाते दिल की, मे बतला नही सकता,
कुछ आँसू एसे है, जिन्हे बहा नही सकता..
किसीको अपने दिल के घाव, बता नही सकता,
कुछ एसी बेडीयाँ है, जिन्हे खनका नही सकता..
आशाओ की कलियो को, खिला नही सकता,
जी नही सकता.. और मर नही सकता..
सुहाने मौसम मे भी, जी बेहला नही सकता,
हज़ारो रंग हो पर, उनमे रंग नही सकता..
नजाने अंजाने कब एक बात समझा गया कोई,
मे समझता तो हूँ.. शब्दो मे बयाँ नही कर सकता..
न रोने की कसम पे कसम, दे रहा है वो मुझे,
निकलते रेहते है आँसू, उन्हे रोक नही सकता..
निरंतर पिलाता है कोई, और मे पिए जाता हूँ,
पर जाम से जाम, टकरा नही सकता..
नही पता ये निर्बलता है, या है ये पर्वशता,
कुछ पिए बिना रंग मे, आ भी तो नही सकता..
उपर से मेरी मुसीबत, है मेरी ये खुद्दारी,
दुवाए तो है होटो पर, हाथ बढा नही सकता..
जीवन हो या मौत हो, जो आए मुझे बुलाने,
केह दो मे नशे मे हूँ.. अभी आ नही सकता..
यारा.. केह दो मे नशे मे हूँ.. अभी आ नही सकता..
कुछ बाते दिल की, मे बतला नही सकता,
कुछ आँसू एसे है, जिन्हे बहा नही सकता..
किसीको अपने दिल के घाव, बता नही सकता,
कुछ एसी बेडीयाँ है, जिन्हे खनका नही सकता..
आशाओ की कलियो को, खिला नही सकता,
जी नही सकता.. और मर नही सकता..
सुहाने मौसम मे भी, जी बेहला नही सकता,
हज़ारो रंग हो पर, उनमे रंग नही सकता..
नजाने अंजाने कब एक बात समझा गया कोई,
मे समझता तो हूँ.. शब्दो मे बयाँ नही कर सकता..
न रोने की कसम पे कसम, दे रहा है वो मुझे,
निकलते रेहते है आँसू, उन्हे रोक नही सकता..
निरंतर पिलाता है कोई, और मे पिए जाता हूँ,
पर जाम से जाम, टकरा नही सकता..
नही पता ये निर्बलता है, या है ये पर्वशता,
कुछ पिए बिना रंग मे, आ भी तो नही सकता..
उपर से मेरी मुसीबत, है मेरी ये खुद्दारी,
दुवाए तो है होटो पर, हाथ बढा नही सकता..
जीवन हो या मौत हो, जो आए मुझे बुलाने,
केह दो मे नशे मे हूँ.. अभी आ नही सकता..
यारा.. केह दो मे नशे मे हूँ.. अभी आ नही सकता..
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