Thursday, May 3, 2007

अभी आ नही सकता..

अभी आ नही सकता..


कुछ बाते दिल की, मे बतला नही सकता,
कुछ आँसू एसे है, जिन्हे बहा नही सकता..

किसीको अपने दिल के घाव, बता नही सकता,
कुछ एसी बेडीयाँ है, जिन्हे खनका नही सकता..

आशाओ की कलियो को, खिला नही सकता,
जी नही सकता.. और मर नही सकता..

सुहाने मौसम मे भी, जी बेहला नही सकता,
हज़ारो रंग हो पर, उनमे रंग नही सकता..

नजाने अंजाने कब एक बात समझा गया कोई,
मे समझता तो हूँ.. शब्दो मे बयाँ नही कर सकता..

न रोने की कसम पे कसम, दे रहा है वो मुझे,
निकलते रेहते है आँसू, उन्हे रोक नही सकता..

निरंतर पिलाता है कोई, और मे पिए जाता हूँ,
पर जाम से जाम, टकरा नही सकता..

नही पता ये निर्बलता है, या है ये पर्वशता,
कुछ पिए बिना रंग मे, आ भी तो नही सकता..

उपर से मेरी मुसीबत, है मेरी ये खुद्दारी,
दुवाए तो है होटो पर, हाथ बढा नही सकता..

जीवन हो या मौत हो, जो आए मुझे बुलाने,
केह दो मे नशे मे हूँ.. अभी आ नही सकता..

यारा.. केह दो मे नशे मे हूँ.. अभी आ नही सकता..