Thursday, May 17, 2007

मेरे दिल की परछाई... मेरी शायरी

मेरे दिल की परछाई... मेरी शायरी


दिल-से निकले कुछ एसे वाकिए...
ढल गए अफ़्सानो के तारे बनकर..
खोए अरमानो के सेज़ पर बनी शायरी..
निकले वो मेरे दर्द के किलकारे बनकर..॥


कुछ एसे ही शेर-ओ-शायरी के मेरे अपने नगमे...
पेश-ए-खिदमत है आपके लिए..

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Bewafaai Shayari.....

१. बहोत है एसे सफ़ेद-पोश दुनिया मे..
जो पड जाते है, 'रेशमी जुल्फ़ो' के जाल मे..
एसे किस्से मिल जाएंगे बहोत ज़माने मे...
जो सदियो की खुशीयाँ खो देते है मैखाने मे..॥

२. मिले नही तुम हमसफ़र, हो गए हम अकेले..
राहगुज़र थे तुम, अब कहाँ चले गए..??
मेरी कश्टी को तो दिखा था बस तुम्ही एक किनारा...
कहा गई तू... मेरे तिनके का सहारा...॥

३. तन्हाई मे यू न तडपा, तुमसे मिलने से पहले..
अब तन्हाई से डरता हूँ तुमसे मिलने के बाद..
रुसवाई सौ झेली, तुमसे मिलने से पहले...
बेवफ़ाई मे मर रहा हूँ तुमसे मिलने के बाद..॥

४. तुमसे क्या छूपाऊ ए दुनियावालो..!!
तुमसे कहा छुपा है मेरा कोई गम..
दिल के आँसू, शायरी मे बयाँ होते है...
कर नही पाता जो मे मेरी आँखे नम..॥

५. हमसे वास्ता न रखो तुम तो अच्छा..
हमे समझने के लिए कई पत्थर काँटने पडेंगे...
बहोत-से दर्द कैद कर रखे है इस सीने मे..
आपको रखू इसमे...तो उन्हे बाटने पडेंगे..॥


६. ज़ाहीर है दुनिया को, मेरे गम के तराने..
दिल का ज़ख्म मेरा.. बनता है ईक फ़साना..
शब्दो मे होते है बयान ये किस्से मेरे जब भी..
वाह-वाह तो करता है..पर हँस देता है ज़माना..॥

७. शराबी से न पुछो, मैखाने का रास्ता..
नशे मे कौन शराबी रास्ता दिखा सका है..
सबसे किमती जो दिल तुट गया हो जिसका..
मैखाना कौन-सा है इसमे उसको क्या रखा है...॥
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Funny Shayari.....

१. हमेशा तो होता है जाम मेरे लबो के साथ..

अकेलापन कहा महसूस होता है उस नशे के बाद..
बूनते है तुम्हारी याद मे ईक पल भी जब हम..
घोलके भूलाते है उसे सोडा या water के साथ..॥

२. खयालो की रोशनी मे, जब तुम नज़र आते हो..
खुदा कसम इस दिल मे एसा, तीर चलाते हो..
हर पल गिनती मे बिताते है, क्या खोया क्या कुछ पाया..
जब तुम मुझे अपने साथ 'shopping' को लाती हो...॥

३. हर पल, पर वक्त..तुझपे एक शायरी..
तुम्हे याद कर-करके लिखता हूँ...
क्या करू के 'घालीब' नमूनो पे न लिखता था..
कसर उसकी आज पूरी मे कर रहा हूँ...॥
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Dosti Shayari.....

१. रिश्तो की कैसी जाल बूनी है खुदा ने..
सोच रहे थे इस भवर मे, क्या खोया, क्या पाया..
जिस रिश्ते मे सिर्फ़ पाना लिखा था खुदा ने..
ऐसे दोस्त को सोचा..और तुम्हारा नाम याद आया..॥

२. बस आपकी दुआ है, के लिख लेते है अक्शर दो-चार..
कोई नही सही, एक आप तो हो समझदार..
बस आपकी दोस्ती का हमे था इन्तज़ार..
अब लगता है पूरी हुई, रिशतो की बहार...॥

३. आपके मुकाबले..हम तो है शायर छोटे-से...
आपकी जनाब, क्या बात की जाए..
इन्सान भले पहोच गया बादल के उस पार..
सुरज पे तो लंबी, झाँकी भी न रख पाए..॥

४. क्या कहानी है वो, जो अक्शरो मे ढल जाए..
कुछ अन्कही बाते..शब्दो मे केह जाए...
फ़साने तो बहोत सुन लेते है ज़िन्दगी मे...
बाते लिख दो ऐसी, जो इस दिल मे बस जाए...॥
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Thanks to my friends 'Sudz' and 'Ashu' who have kept my passion for shayari living...And also for bearing with the ones i share with them. :)


With Regards,

Chirag/Chiru/Chirkut/Chintal/Chiragya