Friday, July 20, 2007
तेरे जाने के बाद
मेरी ज़िंदगी मे यू, खालीपन-सा क्यो है?
तेरे जाने के बाद, एसा जीवन ये क्यो है?
आरज़ू खिलती थी, हर सुबह तुझे मिलने की,
आज सुबह के किरनो मे, ये चूभन-सी क्यो है?
तेरे जाने के बाद, एसा जीवन ये क्यो है?
मेरे दिल के धडकन मे, तेरा नाम सूनाई देता था,
सोचता था के बावरे मन को, दिवानापन क्यो है?
तेरे जाने के बाद, एसा जीवन ये क्यो है?
उस झील के पानी मे, तेरा चेहरा रोज़ निहारना,
अब अकेले जाना मुश्किल है, ये जकडन-सी क्यो है?
तेरे जाने के बाद, एसा जीवन ये क्यो है?
तेरे साथ बिताए हरेक पल, फ़िर जिने की लालसा है,
पर आज साँसे मेरी अपनी, बनी दुश्मन-सी क्यो है?
तेरे जाने के बाद, एसा जीवन ये क्यो है?
तू जब दिखती तो लगता, के सावन मे बरसे मोती,
आज बिखरे मोती भी पत्झड, के यू दर्पन-से क्यो है?
तेरे जाने के बाद, एसा जीवन ये क्यो है?
तेरे विश्वास के सहारे, उस अलाह के दर सर झुकाया,
उसके कुच्छे मे जाकर अब, उससे अनबन ये क्यो है?
तेरे जाने के बाद, एसा जीवन ये क्यो है?
आज मौत भी गले लगाए, तो कोई गिला नही,
मुझे छोड तुझे ले गया, एसा अलाह का फ़न क्यो है?
मेरे दिल के तुकडे को तो छीन लिया तुने, ए खुदा,
बता फ़िर मेरी धडकन के बिना, मेरा जीवन ये क्यो है?
तेरे जाने के बाद, एसा जीवन ये क्यो है?
When my heart beats,
Chirag
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